पिता की दुलारी By : पँ. नरेन्द्र शर्मा
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पिता की दुलारी
सुन्दर सौभाग्यवती , अमिशीखा नारी
प्रियतम की ड्योढी से पित्रुग्रुह सिधारी
माता मुख भ्राता कि पितुमुखी भगिनि
शिष्या है माता की पिता की दुलारी !
पँ. नरेन्द्र शर्मा
[ यह कविता आज ही मुझे दीखलाई दी ! कुछ पुराने कागजात देख रही थी ...और ...इसे पढ कर आश्चार्य हुआ ! ]
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