'प्रवासिनी के बोल'
"Prawaseeni ke Bol " - is the first book published & edited by Dr. Anjana Sandheer who teaches HINDI @ Columbia Uni NY which consists poems / bio data of 81 poetess who reside in America with 4 poems each included in this historic first time effort !
I too have been included in it with my 4 poems in this --
One of them is here ~~~
"KAPIL -VASTU mein PRATEEKSHA"
Pawan Jyoti Parva mein Main,
Deep Utsav baaltee ,
Aangna ke dware - dware
Deepak Lau, prakashtee !
Pavitra mangal shubh prasang
Suman harshit vaartee
Kanchan thaal, kum kum le,
Main, karti unki aarti !
Path mein prabhu ke nayan mere ,
Dhyaan mein man leen
Aa jate yadi we aaj sammukh
Charan raj unse, maangtee !
Rahul, dhar ker hath tera,
Unhi per tumko, vaartee
Kyon gaye wo door humse ?
Ees ka Main uttar mangti !
Sharan hain hum aaapke
Hey Gautam , mere dulare
Buddha Tum hoge sabhi ke,
Yashodhara tumko pukare !
'प्रवासिनी के बोल' का विमोचन
'प्रवासिनी के बोल 'डा अंजना संधीर द्वारा संपादित अमेरिका की प्रवासी कवयित्रियों की कविताओं का पहला संकलन 'प्रवासिनी के बोल' का विमोचन शनिवार ९ दिसंबर को दोपहर ३ बजे 'क्वीन्स लाइब्रेरी' में होना निश्चित हुआ है। इस अवसर पर काव्यपाठ का आयोजन भी रखा गया है। डा संधीर व संकलन में प्रकाशित अधिकतर कवयित्रियां इस अवसर पर क्वींस लाइब्रेरी में उपस्थित रहेंगी। इस आयोजन में प्रवेश निःशुल्क है।
पुस्तक के प्रथम भाग में ८१ कवयित्रियों का सचित्र परिचय¸ कविताएँ व रचना प्रक्रिया दी गई है, दूसरे भाग में ३३ प्रतिभाशाली महिलाओं का सचित्र परिचय है तथा तृतीय भाग में भारतीय अमरीकी महिलाओं द्वारा अबतक प्रकाशित पुस्तकों की सूची दी गई है। 'प्रवासिनी के बोल' अमेरिका में हिंदी साहित्य का पहला प्रमाणिक दस्तावेज़ है।
2 Comments:
बहुत-बहुत बधाई मैड्म आपको,
काफी अच्छा लगा पड़कर की वहाँ बसे भारतीय यहाँ से ज्यादा, अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं।
मैने भी Incredible India...??? शीर्षक से कुछ लिखा है इसी संदर्भ में आपके विचारों का इंजार रहेगा…
मैडम,उन कविताओं को भी अगर आप इसमें प्रस्तुत कर पाए तो अच्छा लगेगा॥
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