Friday, December 01, 2006

माँ सरस्वती


प्रणमाँजलि
राग : केदार
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माँ सरस्वती सदा कृपा हम पर कीजिये,
गिरुजनोँ के प्रति विनीत होँ,
आषिश हमको दीजिये !
भूल हरेक भेद ~ भाव,
स्नेह से बँध कर रहेँ,
जाति ~ पाति, भेद ~ भाँर्ति,
दूर कर सकेँ,
प्रेम के ही पँथ पर
सब के पग पडेँ ...
माँ सरस्वती सदा..............
सूर्य ~ सा प्रकाश मन मेँ ,
फैल कर बढे,
नित रुचिर, नित नवीन,
आलोक से भरेँ,
स्वर्ग भूमि पर सदा,
स्थापित हम करेँ !
माँ सरस्वती सदा..............
विनय , शाँति,
सौम्य द्रिष्टि, जीवन मेँ रखेँ,
हो प्रतीति विश्व की,
ज्ञान दिप्ती से,
सर्व ~ मँगल भावना,
ह्रदय मेँ बसे !

-- लावण्या

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