Wednesday, October 11, 2006

Mere Madhur Meet .....

( this is my Amma : Late Sreemati Susheela Narendra Sharma )

Mere Madhur Meet .....

मधु माँग ना मेरे मधुर मीत
मधु के दिन मेरे गये बीत ! ( २ )
मैँने भी मधु के गीत रचे,
मेरे मन की मधुशाला मेँ
यदि होँ मेरे कुछ गीत बचे,
तो उन गीतोँ के कारण ही,
कुछ और निभा ले प्रीत ~ रीत !
मधु के दिन मेरे गये बीत ! ( २ )
मधु कहाँ , यहाँ गँगा - जल है !
प्रभु के छरणोँ मे रखने को ,
जीवन का पका हुआ फल है !
मन हार चुका मधुसदन को,
मैँ भूल छुका मधु भुरे गीत !
मधु के दिन मेरे गये बीत ! ( २ )
वह गुपचुप प्रेम भुरी बातेँ,(२)
यह मुरझाया मन भूल चुका
वन कुँजोँ की गुँजित रातेँ (२)
मधु कलषोँ के छलकाने की
हो गइ, मधुर बेला व्यतीत!
मधु के दिन मेरे गये बीत ! ( २ ) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~[ रचना : स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ] ~~~~~
[ गायक : श्री . सुधीर फडकेजी ] ~~~~~~

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