Thursday, December 07, 2006

शिकवा



( In this pic. is my nephew son of my dearest sister Vasavi who is no more :-( ..
her son, Maulik with his fiancee` Charmi )
शिकवा
[ मेराप्रयास ~ लावण्या ]
आज हम तुम हैँ उमडती बीच मेँ मँझधार के,
कब करेँगे पार हम तुम मौन पारावार को ?
नेत्र हीना , श्रवण रहिता, मूक मन की भावना
काल कारागार मेँ , तुम, ज्योतिरेखा देखना
नेत्र के दिप, जलते रहे ,अँधेरी राह पर,
फूल बिरहा के सजे, नित शाखपर ...
माह बीते, साल बीते, बीत गयी उमर,
तुम ना आये, तुम ना आये,
युँ ही,जलती रही मैँ, शमा बन, शामो सहर
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लावण्या

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