Thursday, December 07, 2006

" वीणा मधुर मधुर कछु बोल "


" वीणा मधुर मधुर कछु बोल "
कहा तथागत ने,
" हे आनँद ! नहीँ कसो वीणा के तार
-पाना हो अगर मधुर गुँजार,
रखो सँतुलित, हर तार !
गादquot; , तुम भी सँग मेरे,
" वीणा मधुर मधुर कछु बोल"
--- लावण्या

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