प्रथम भारतीय मूल का चित्र
ऐसी मान्यता है --
जिसकी अकाल मृत्यु हो गई थी.
शोक सँतप्त राज पुरोहित ने, अपने राजा से कहा कि
" कोई उपाय करेँ राजन्` कि जिससे मेरा यह मृत पुत्र फिर जीवित हो उठे !"
तब राजा ने सुझाव दीया कि, "सृष्टि के सर्जक ब्रह्माजी की पूजा करने से, उनकी तपस्या करने से शायद वे प्रसन्न होँ और मृत युवा को पुन: जीवन दान दे देँ "
तब ब्रह्माजी की तपस्या की गई - ब्रह्माजी ने प्रसन्न होकर आदेश किया कि, उस युवान की छवि बनाई जाये -- तब प्रथम चित्र का सृजन हुआ !
ब्रह्माजी ने अपने श्वास फूँके तो वह छवि/ चित्र , साँस लेते युवक मेँ परिवर्तित हो गया -
ये कथा, चित्रकला विषय पर , सबसे पुरानी लिखी गई पुस्तक, " चित्रलक्शणा" मेँ आती है
4 Comments:
VERY INTERESTING STORY.
PLEASE GIVE US MORE OF THESE.
RGDS.
thanx Harshad bhai --
Sharing what I found out with other Art Lovers here --
Rgds,
L
TRUELY AN INTERESTING STORY!!!
LOVE TO HEAR MORE.
waise ma'm aapke mahabharat wale mein likha toh maine tha per credit meri friend le gayi:)
बहुत अच्छी जानकारी कितना अच्छा होता यदि आप इस विषय में थोड़ा और विस्तार से बतातीं।
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