Wednesday, April 18, 2007
About Me
- Name: लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`
In the Infinite space & Time...I'm but a petal of a flower, a drop in the Ocean. SONGS are those ANGEL's sound that Unite US with the Divine. कई चित्र मूलतः मेरे नहीं है, मुझे इस के मूल चित्रकार के बारे में ज्ञात नहीं है, यदि आप इसके मूल चित्रकार हैं तो अपने बारे में बताएं, मैं स्त्रोत के रुप में आपका उल्लेख कर दूँगी यदि आपको इस लेख के प्रकाशन पर आपत्ति है तो कृपया प्रमाण सहित बताइए मैं इस को हटा दूँगी (Rest of my Text + all material is copy righted under USA laws )
8 Comments:
वाह! बहुत अच्छा लोक गीत प्रस्तुत किया आपने.
अब ऐश्वर्य-अभिषेक का विवाह न तो दुनिया की पहली शादी है और न आखरी सो इतना गुल-गपाड़ा किस बात का है समझ में नहीं आ रहा है . पर आपका लोक गीत लाजवाब है .
प्रियँकरजी,
आज भारत मेँ मीडीया सशक्त और व्यापक है -
पहले भी ऐसे २ प्रसिध्ध युवक युवती ने शादी की होगी
पर तब मीडीया, अखबार, काफी सँयम बरतते थे ..
आज के इन्टेरनट के युग मेँ , ये खबर, नये मौसम या
नई फ्लेवर की तरह है ....
और हाँ गुजराती गीत से हिन्दी बना ये लोक गात पसँद आया उसके लिये,
शुक्रिया !
--लावण्या
Lavanyaji
Very timely blog with nice pictures.
This wedding has created a real sensation.
Let us all wish the new couple a happy wedding life!
Rgds.
Yes Harshad bhai,
The Big Day is tomorrow on "AKHA TEEJ " or Akshay Tritiya ....
most auspicious Day for ALL types of good Karma -- they chose wisely.
Now let us hope they lead a normal, happy & healthy life together.
Thanx once again for your kind comments.
Rgds,
L
मैडम,
सुंदर लोक गीत के साथ अच्छा प्रस्तुतिकरण्…।
दो बड़े और सुंदरतम लोगों की शादी को इतना भी
तवजोह नहीं मिले तो क्या हो…जिस अमित जी को देखकर हम बड़े हुए हो उनको तो इतना फुटेज मिलना ही चाहिए था…।
दीव्याभ,
अमिताभ जी अपनी कला का लोहा मनवा चुके हैँ - अभिषेक भी कडी मेहनत कर रहे हैँ -
ऐश्वर्या की सुँदरता सभी को मान्य है -
- उन्होँने यह प्रचार माँगा नहीँ था -
- अगर लोक जिज्ञासा व जानने की ललक मीडीया नेआज के विश्वजाल सँचरित त्वरित, समाचार प्रसारण से, कुछ ज्यादा ही बढा चढा कर की हो तो उनकी शोहरत का क्या करेँ ?
यह लोक गीत अक्सर गुजरात की शादी ब्याह पर गाया जाता है और मुझे ऐसे लोक गीत पसँद भी हैँ तो सोचा क्योँ ना हिन्दी मेँ इसे लिखूँ ? और ....ये रहा ...
madam pranam!
kaffi din baad aaya.bahut vyast tha,aaj hi mauka mila aur aapki rachnayein ek-2 kar padh raha hun..
aapki baat purntah satya hai..aur agar Amitji ko ye coverage na mile toh fir kise milna chahiye..
Aditi,
aapki Tippani ke liye bahuta bahut
aabhaar ! sa sneha,
L
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