Saturday, April 28, 2007

अल्यूनाटाइम




यह
अत्याधुनिक किँतु पौराणिक चँद्रमा की घटने बढने की प्रक्रिया से जुडी हुई नई इजाद है. ३ वृत्ताकार वलयोँ से ज्वार - भाटा से पर्चालित समय को नई पध्ध्ति सेसमझने वाला यँत्र है --

--धुरी पर घुमती हमारी पृथ्वी के स्पँदनोँ से, आधुनिक सोचके साथ बिलकुल नई दिशा की ओर ले जाता अद्वितीय व वैज्ञानिक स्मारक है -इसके द्वारा हम समय को एक नये तरीके से समझ पायेँगे क्यूँकि यह चँद्रमा और समुद्र के ज्वार भाटा पर आधारित घडी है

४० मीटर का घेरा लिये ५ मँजिल ऊँचाई लिये,३ पुरानी सीमेन्ट से बनाया गया, पारदर्शक, अंडे के आकार का वृताकार स्मारक है -

इस के वलयोँ से चँद्रमा की किरणोँ के पसार होने से जो समय का ज्ञान होता है उसे अल्यूनाटाइम कहा गया है

हाल मेँ २०१२ तक इसको बनाये जाने की सँभावना है स्थान का चयन सँभवत यू.के. ग्रेट ब्रिटन, ओस्ट्रेलिया या लँदन हर मेँ मेरीडीयनपर इसके बनने की सँभावना है -- देखेँ लिन्क --

5 Comments:

Blogger Unknown said...

This is certainly a piece of knowledge n expression of march of science in entirely new era of thinking n research.
N all this is due to you m'am.Travelling for enmasse is for fun but what differentiate one good from millions others is the keenness in observation n deciding wat is suitable to share with others.
It's pleasure to be in company of you m'am.
charan sparsh!

2:36 AM  
Blogger Harshad Jangla said...

Lavanyaji
Great information and even greater thanks for sharing these with us.
Looking forward to visit whenever it is completed.
Rgds.

6:12 AM  
Blogger लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Aditi,
I try to give Info. that i think would interest others .
I'm glad I have U as a wonderful travelling companion :)
Rgds,
L

8:50 PM  
Blogger लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Harshad bhai,
yes, do visit it I hope to see it too ...some day ...what a novel concept of Time this is !
Rgds,
L

8:51 PM  
Blogger Divine India said...

गहरा ज्ञान है…विज्ञान की तरक्की और उसका साध्यपन मानव के विकास को ही निश्चित करता है हाँ कई सारी खामियाँ भी है पर इसका आयाम कही व्यापक है…आपकी प्रस्तुति सदा की भांति सुंदर होती है…और ज्ञानवर्धक भी…!!!

1:16 AM  

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